instagram viral couple viral video : सोशल मीडिया पर वायरल हुए कथित MMS वीडियो के बाद इंफ्लुएंसर स्वीट जन्नत चर्चा में आ गई हैं। उन्होंने सामने आकर वीडियो को AI डीपफेक बताया और कहा कि इसमें दिख रही महिला उनसे मेल नहीं खाती। मेघालय निवासी स्वीट जन्नत का यह बयान विवाद के बीच महत्वपूर्ण बन गया है, जिससे डीपफेक तकनीक के दुरुपयोग पर फिर सवाल उठे हैं


Influencer Sweet Zannat : पिछले कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर एक कथित MMS वीडियो ने अभूतपूर्व हलचल पैदा कर दी है। इंस्टाग्राम, फेसबुक और टेलीग्राम जैसे कई प्लेटफॉर्म इस वायरल कंटेंट की चर्चाओं से भर गए हैं। दावा किया जा रहा है कि यह वीडियो एक महिला इंफ्लुएंसर का है, जबकि इसके साथ ही इसे AI डीपफेक बताया जाने का सिलसिला भी जारी है। विवाद गहराते ही सबसे बड़ा प्रश्न यही बना—स्वीट जन्नत कौन हैं, और वायरल वीडियो की सच्चाई क्या है?



स्वीट जन्नत मेघालय के महेंद्रगंज क्षेत्र की रहने वाली एक उभरती हुई सोशल मीडिया क्रिएटर हैं, जो इंस्टाग्राम पर अपने दैनिक जीवन से जुड़ा कंटेंट साझा करती हैं। 27 नवंबर से उनका नाम अचानक सुर्खियों में आ गया, जब 19 मिनट 34 सेकंड का एक निजी वीडियो तेजी से फैलने लगा। सोशल मीडिया पर इसे लेकर लिंक साझा करने और मांगने की होड़ मच गई, जिससे मामला और भी जटिल हो गया।



विवाद बढ़ने पर स्वीट जन्नत स्वयं सामने आईं। उन्होंने 28 नवंबर को एक स्पष्टीकरण वीडियो जारी किया, जिसमें उन्होंने वायरल क्लिप को पूरी तरह फर्जी करार दिया। उनका कहना है कि प्रसारित वीडियो एक AI जनरेटेड डीपफेक है और वीडियो में दिख रही महिला उनसे मेल नहीं खाती। उन्होंने दर्शकों से अपील की कि वे उनके चेहरे को वायरल वीडियो से मिलाकर देखें और स्वयं निर्णय लें। उन्होंने यह भी बताया कि वायरल वीडियो में मौजूद महिला अंग्रेजी में बात कर रही है, जबकि स्वयं उन्होंने स्वीकार किया कि वे मुश्किल से 12वीं पास हुई हैं और धाराप्रवाह अंग्रेजी नहीं बोल पातीं।



जन्नत ने यह भी कहा कि इस अप्रत्याशित विवाद के बाद उनके इंस्टाग्राम फॉलोअर्स की संख्या तेजी से बढ़ी है, हालांकि उन्होंने दोहराया कि यह घटना उनके लिए परेशान करने वाली है और ऐसी फर्जी डिजिटल सामग्री किसी भी व्यक्ति की प्रतिष्ठा के लिए खतरनाक साबित हो सकती है।



फिलहाल, इस मामले में किसी आधिकारिक एजेंसी द्वारा जांच की पुष्टि नहीं हुई है, पर सोशल मीडिया पर डीपफेक तकनीक के दुरुपयोग को लेकर व्यापक चर्चा जारी है। यह विवाद एक बार फिर याद दिलाता है कि डिजिटल युग में गलत जानकारी, फर्जी वीडियो और AI आधारित सामग्री किसी भी व्यक्ति को अचानक विवादों के केंद्र में ला


सकती है।